Zulf Bikhrati Chali Aayee Ho

Madan Mohan, Rajinder Krishnan

ज़ुल्फ़ बिखराती चली आयी हो
ऐ जी सोचो तो ज़रा बदलि का क्या होगा
बदली का क्या होगा
ज़ुल्फ़ बिखराती चली आयी हो
ऐ जी सोचो तो ज़रा बदलि का क्या होगा
बदली का क्या होगा

होठ ये नाजुक नाजुक
जैसे कुंवारी कलि
होठ ये नाजुक नाजुक
जैसे कुंवारी कलि
सामने इनके फिकी बाकि साडी कालिया
सामने इनके फिकी बाकि साडी कालिया
यु जो मुसकाती चली आयी हो
यु जो मुसकाती चली आयी हो
यु जो मुसकाती चली आयी हो
ऐ जी सोचो तो ज़रा फूलो का क्या होगा
ज़ुल्फ़ बिखराती चली आयी हो

आँख शराबी तेरी
उसमें गुलाबी डोरे
आँख शराबी तेरी उसमें गुलाबी डोरे
शर्म के मारे डहाके
गाल ये गोर गोर
शर्म के मारे डहाके
गाल ये गोर गोर
आग भड़कती चली आयी हो
आग भड़कती चली आयी हो
आग भड़कती चली आयी हो
ऐ जी सोचो तो ज़रा शोलो का क्या होगा
ज़ुल्फ़ बिखराती चली आयी हो

ले बैठी है हमको ये अनजान अदाए
ले बैठी है हमको ये अनजान अदाए
छोड़ के दर को तेरे बोल कहा हम जाये
छोड़ के दर को तेरे बोल कहा हम जाये
जाल फैलाती चली आयी हो
जाल फैलाती चली आयी हो
जाल फैलाती चली आयी हो
ऐ जी सोचो तो ज़रा पंछी का क्या होगा
ज़ुल्फ़ बिखराती चली आयी हो
ऐ जी सोचो तो ज़रा बदलि का क्या होगा
बदली का क्या होगा

Trivia about the song Zulf Bikhrati Chali Aayee Ho by Mohammed Rafi

Who composed the song “Zulf Bikhrati Chali Aayee Ho” by Mohammed Rafi?
The song “Zulf Bikhrati Chali Aayee Ho” by Mohammed Rafi was composed by Madan Mohan, Rajinder Krishnan.

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