Chanda [Unplugged]

KAUSAR MUNIR, PRITAM CHAKRABORTY

कैसे दिखलौं ए चंदा दाग मैं दिल के
कैसे तुझको दू दिलासा
खुद हूँ मुश्किल में
तारा तारा है तुम्हारा
मैं अकेला हूँ
आज की रहना ए चंदा
दिल से लग जा तू

कैसे बतलौं ए चंदा
दूर हूँ घर से
कैसे तुझको दू मैं रस्ता
चूर हूँ थक के
मारा मारा मैं बेचारा
दर-बदर यूँ हूँ
आज की रहना ए चंदा
दिल से लग जा तू
मेरा चंदा तू
दिल से लगा चंदा तू
मेरा चंदा तू
दिल से लगा चंदा तू
मेरा चंदा तू
दिल से लगा चंदा तू
मेरा चंदा तू
दिल से लगा चंदा तू

चलते चलते दिन ये गया
रातें क्यूँ बोलो काटती नही
सुनी सुनी अखियाँ मेरी ये
आता सुकून एक पल नही

ढलते ढलते दिल ये गया
यादें क्यूँ बोलो ढलती नही
भूली भटकी गलियाँ तेरी ये
आती कभी मुझ तक नही
सपने तेरे फिर भी
पलकों तले झाँके
सपने तेरे फिर भी
नींदो तले जागे
मेरा चंदा तू
दिल से लगा चंदा तू
मेरा चंदा तू
दिल से लगा चंदा तू

Trivia about the song Chanda [Unplugged] by Pritam

Who composed the song “Chanda [Unplugged]” by Pritam?
The song “Chanda [Unplugged]” by Pritam was composed by KAUSAR MUNIR, PRITAM CHAKRABORTY.

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