Gobind Bolo
गलियों मे सनसनी है
एक बंदा शहर मे आया है
नाकाबंदियों की फ़िक्र क्या
वो तो ख़ुफ़िया डगर से आया है
मुमकिन नही है काम जो
अंज़ाम वो मुमकिन करे
ये रात को भी दिन करे
क्या नाम है बोलो, है बोलो
One, Two, Three, Four
गोविंद बोलो गोपाल बोलो
जो चाहे बोलो, बोलो हरी हरी
गोविंद बोलो गोपाल बोलो
जिनकी दुआ से बचता no worry
साज़िशो के कारखानो मे
ये तो बाजिया पलटने आया है
दुश्मन के हज़ारो से
ये अकेला ही निपट ने आया है
जो क़र्ज़ भी है फ़र्ज़ का
वो ये अदा गिन गिन करे
ये रात को भी दिन करे
क्या नाम है बोलो, है बोलो
गोविंद बोलो गोपाल बोलो
जो चाहे बोलो, बोलो हरी हरी
गोविंद बोलो गोपाल बोलो
जिनकी दुआ से बचता no worry