Kar Salaam

PRITAM CHAKRABORTY, SAYEED QUADRI

क्यों जिंदगी से हो शिकवा गिला
क्यों जिंदगी से हो शिकवा गिला
यह हसती है रोती है
जो भी है जैसी है
जो भी यह देती है वह है तेरा
कर सलाम कर सलाम
कर सलाम कर सलाम
नखरे उठा इस के नखरे उठा
नखरे उठा इस के नखरे उठा
हाँ धुप भी है यह छाँव भी है यह
जो भी यह है कहती तू मान जा
कर सलाम कर सलाम
कर सलाम कर सलाम

खो जाना पा जाना ना पाना
है जिंदगी जान ले
बिक जाना लुट जाना बस जाना
है जिंदगी मान ले
हो हो हो करले यकीं जो कल गया वह
फिर से आता नहीं
हो हो हो गुजरा हुआ जो वक्त है
वह दस्तक लगाता नहीं
जो आज है बस वही है तेरा
जो आज है बस वही है तेरा
हाँ क्या तेरी हस्ती
मिटटी की बस्ती है
पल में ही हो जाती है यह फ़ना
कर सलाम कर सलाम
कर सलाम कर सलाम
औह औह औह
क्यों जिंदगी से हो शिकवा गिला
क्यों जिंदगी से हो शिकवा गिला
यह हसती है रोती है
जो भी है जैसी है
जो भी यह देती है वह है तेरा
कर सलाम कर सलाम
कर सलाम कर सलाम
कर सलाम कर सलाम
कर सलाम कर सलाम
कर सलाम कर सलाम
कर सलाम कर सलाम

Trivia about the song Kar Salaam by Pritam

When was the song “Kar Salaam” released by Pritam?
The song Kar Salaam was released in 2007, on the album “Life In A Metro”.
Who composed the song “Kar Salaam” by Pritam?
The song “Kar Salaam” by Pritam was composed by PRITAM CHAKRABORTY, SAYEED QUADRI.

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