Safar [Remix]
सफ़र का ही था मैं सफर का रहा
इधर का ही हूँ ना उधर का रहा
सफ़र का ही था मैं सफर का रहा
इधर का ही हूँ ना उधर का रहा
सफ़र का ही था मैं सफर का रहा
मैं रहा (मैं रहा) उ उ
मैं रहा उ उ मैं रहा
जबसे गाँव से मैं शहर हुआ
इतना कड़वा हो गया की ज़हर हुआ
मैं तो रोज़ाना
ना चाहा था ये हो जाना मैंने
ये उम्र, वक़्त रास्ता गुज़रता रहा
सफ़र का ही था मैं सफ़र का रहा
इधर का ही हूँ ना उधर का रहा
सफ़र का ही था मैं सफर का रहा
इधर का ही हूँ ना उधर का रहा
सफ़र का ही था मैं सफर का रहा
मैं रहा (मैं रहा) उ उ मैं रहा ओ ओ
उ उ मैं रहा
उ उ