Ve Kamleya [Sufi]

Amitabh Bhattacharya

हो रा जिस्म से क़र्ज़ है ये रूहानी
है सज़ा या रिहाई ये दिलों की प्रेम कहानी

वे कमलेया वे कमलेया
वे कमलेया मेरे नादान दिल
वे कमलेया वे कमलेया
वे कमलेया मेरे नादान दिल
जिसे चाहा तूने सच में कितना चाहा
जबही अपना ही तू ले ले इंतेहाँ
इतनी सी भी ख़ुदग़रज़ई तुझमें ना हो
तभी इश्क़ निभा पाएगा तू बेन्तेहा
गॉल सुन ले आ, गॉल सुन ले आ
वे कमलेया मेरे नादान दिल
वे कमलेया वे कमलेया
वे कमलेया मेरे नादान दिल

बदले उसकी मुस्कान के
आँसू का क़तरा जो मिला
कमलेया वे कमलेया
रुतबा है सकचे इश्क़ का
इस रुतबे से कैसे गीला
कमलेया वे कमलेया

छोड़ के ज़िद्द सारी
भूल के दर्डों को
छीलना पड़ता है
प्यार की परतों को
तब समझ में आए
प्यार के दर्दो को
लाज़मी थोड़ी सी यार से दूरी है
डोर से ही महके प्यार कस्तूरी है
बिन जुदा हुए दास्तान अधूरी है

रहे बस तेरा ही होकर जो है तेरा
किसने बोला है लिखा है कहाँ
जब उसकी दुनियाँ ही तेरी दुनियाँ हो
तभी इश्क़ निभा पाएगा तू बेन्तेहा

उस यार दी बाँह फड ले आ
वे कमलेया मेरे नादान दिल
वे कमलेया वे कमलेया
वे कमलेया मेरे नादान दिल

जो भी बस की नहीं खाए कस्में वही
है यह तेरी ख़ाता, है यह तेरी ख़ाता
जिनसे है बस नहीं उनसे ही बेरूख़ी
करता क्यों है बता, करता क्यों है बता
तेरी नासमझिोन से परेशन हूँ मैं

या तो सबका है या तो खुद का है
एक किरदार तू

अब चुन ले आ, अब चुन ले आ
वे कमलेया मेरे नादान दिल
वे कमलेया वे कमलेया
वे कमलेया मेरे नादान दिल
नादान दिल

बदले उसकी मुस्कान के
आँसू का क़तरा जो मिला
कमलेया वे कमलेया
रुतबा है सकचे इश्क़ का
इस रुतबे से कैसे गीला
कमलेया वे कमलेया

Trivia about the song Ve Kamleya [Sufi] by Pritam

Who composed the song “Ve Kamleya [Sufi]” by Pritam?
The song “Ve Kamleya [Sufi]” by Pritam was composed by Amitabh Bhattacharya.

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