Hai Tu Bhi Shehar Mein

Kumaar

है तू भी शहर में
हूं मैं भी शहर में
है तू भी शहर में
हूं मैं भी शहर में
आ मिलने का कोई बहाना बना
है तू भी शहर में
हूं मैं भी शहर में
आ मिलने का कोई बहाना बना
दिल में मेरे फिर वही ख्वाहिशें हैं
दिल में मेरे फिर वही ख्वाहिशें हैं
आ फिर से मुझे तू दीवाना बना
है तू भी शहर में
हूं मैं भी शहर में
आ मिलने का कोई बहाना बना

तू फिर से मेरी
इन बाँहों में आकार
वहां जा जरा सा
निगाहों में आकार
इस दिल को अब भी तेरी आरज़ू है
मुझे प्यार करले गले से लगा कर
तू सामने मैं तेरे सामने हूं
तू सामने मैं तेरे सामने हूं
तू फिर से नज़र का निशाना बना
है तू भी शहर में
हूं मैं भी शहर में
है तू भी शहर में
हूं मैं भी शहर में
आ मिल्ने का कोई बहाना बना

जुल्फों के फिर से
तू बदल उड़ा दे
हूँ मैं होश में
मुझको पागल बना दे
आँखों से तेरी जो पहले पिये थे
वो जाम मुझको तू फिर से पिला दे
बारिश में भी धूप जैसी चुभन है
बारिश में भी धूप जैसी चुभन है
आ फिर से ये मौसम सुहाना बना
है तू भी शहर में
हूं मैं भी शहर में
है तू भी शहर में
हूं मैं भी शहर में
आ मिल्ने का कोई बहाना बना

है तू भी शहर में
हूं मैं भी शहर में

Trivia about the song Hai Tu Bhi Shehar Mein by Salman Ali

Who composed the song “Hai Tu Bhi Shehar Mein” by Salman Ali?
The song “Hai Tu Bhi Shehar Mein” by Salman Ali was composed by Kumaar.

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