Khuda Ke Baad

Arafat Mehmood

दर तेरा छोड़ कर
दरबदर हो गए
हमसफ़र थे मगर
बेखबर हो गए
पूछती हैं ज़मीं
पूछता हैं फलक
क्यों जुदा हो गए
साथ थे कल तलक
तुम मिलो ना मिलो
आओगे हमको याद
जा तो रहे हो छोड़ के
लेकिन ये रखना याद
चाहा ज़मीं पे तुमको है
मैंने खुदा के बाद
हर अम्बेया के बाद
कुछ दिन के साथ के लिए
दिल से हैं धन्यवाद
चाहा ज़मीं पे तुमको है
मैंने खुदा के बाद

गम नहीं इसका
तुझको पा ना सके
गम है इसका
तुझे भुला ना सके
तूने पीछा छुड़ा लिया हम से
तेरी यादों से हम छुडा ना सके
उमर भर हमसफ़र
तुम कहीं भी रहो
जाते जाते मगर
सच ये तुम जान लो
रहते थे रेह्ते हो
दिल में तुम आबाद
जा तो रहे हो छोड़ के
लेकिन ये रखना याद
चाहा ज़मीं पे तुमको है
मैंने खुदा के बाद
हर अम्बेया के बाद

इतना बता मुझे
क्या है मेरा क़ुसूर
फिर किस लिए हुए
हम पास आ के दूर
तुम कहते एक दफा
क्या थी मेरी खता
क्यों निकले बेवफा
क्यों कर दिया बर्बाद
जा तो रहे हो छोड़ के
लेकिन ये रखना याद
चाहा ज़मीं पे तुमको है
मैंने खुदा के बाद
मैंने खुदा के बाद

Trivia about the song Khuda Ke Baad by Salman Ali

Who composed the song “Khuda Ke Baad” by Salman Ali?
The song “Khuda Ke Baad” by Salman Ali was composed by Arafat Mehmood.

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