Ki Kara
अखियाँ दे सपने सब तोड़ के
चला गया क्यूँ रास्ता तू मोड़ के
औंडी आए तेरी याद वे
की दासा तेरे बाद वे
पाई गैइयाँ ने पास तेरियां तस्वीरा
की करा, की करा
हंजुआ ‘च भिजीयँ लकीरा
की करा, की करा
टूट गाययाँ ने तकदीरा
की करा, की करा हा
मांगियाँ दुआवँ तेरे वास्ते
जीँदी पाई सी तेरी आस ते
हो..मांगियाँ दुआवँ तेरे वास्ते
जीँदी पाई सी तेरी आस ते
तेरे बिना, है मेरा कों वे
तू जुड़ा, दिन मेरे रों वे
चुभदे ने तेरे फ़ासले
आए दर्द मैनउ क्यूँ मिले
दस दे ज़रा तू है मेरी की ख़ाता
की करा, की करा
हंजुआ च भिजीयँ लकीरा
की करा, की करा
टूट गाययाँ ने तकडीरा
की करा, की करा
मेरे नाल तेरी परच्छाई वे
दे गया तू मैनउ तन्हाई वे
मेरे नाल तेरी परच्छाई वे
दे गया तू मैनउ तन्हाई वे
तेरे सिवा, ना कोई चाह वे
किते जावां, ना कोई राह वे
पुछड़ा नि मेरा हाल वे
औंदे तेरे ख़याल वे
भूलदे नयी बीते पल सुन्न ज़रा
की करां, की करां
हंजुआ ‘च भिजीयँ लकीरा
की करां, की करां
टूट गाययाँ ने तकडीरा
की करां, की करां