Ae Dil

Ravi Chopra

आए दिल ज़रा संभलने तो दे
मुझसे मुझे निकालने तो दे
आए दिल ज़रा संभलने तो दे
मुझसे मुझे निकालने तो दे
अभी कहीं मुझी में ही वो लम्हा ठहरा हुआ
वो एक पल मिला जो कल
तो रिश्ता यह गहरा हुआ
ख्वाबों को करवट बदलने तो दे
आए दिल ज़रा संभलने तो दे

हुई इतरा की बारिशें
मेरे छत पर कल रात भर
मेहरबान सुबा तक रहा
वो रब जाने किस बात पर
उस में ही रम जाऊ
उस में कहीं खो जाऊ
यह दिन ज़रा ढलने तो दे
आए दिल ज़रा संभालने तो दे

आ आ आ आ आ आ आ आ आ

अब मेरे तकिये तले
उस चाँद की नींद है
मिट जाएँगे फासले
जागी यह उम्मीदे है
थोड़ा सा एया राज़ी है
हक़ में मेरे बाज़ी है
मुझ में उसे पिघल ने तो दे
आए दिल ज़रा संभालने तो दे
अभी कहीं मुझी में ही, वो लम्हा ठहरा हुआ
वो एक पल मिला जो कल
तो रिश्ता यह गहरा हुआ
ख्वाबों को करवट बदलने तो दे
आए दिल ज़रा संभालने तो दे

Trivia about the song Ae Dil by Sonu Nigam

Who composed the song “Ae Dil” by Sonu Nigam?
The song “Ae Dil” by Sonu Nigam was composed by Ravi Chopra.

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