Bachpan Se Akela

Bhushan Dua

हम्म हम्म हम्म हम्म हा हा

बचपन से अकेला मैं, अकेला हू
बचपन से अकेला मैं, अकेला हू
ज़िंदगी में ऐसा क्या हुआ
मैं रूठा भी नही, हंसा भी नही
जिंदा हू मगर ज़िंदगी नही, ज़िंदगी नही
ज़िंदगी नही
बचपन से अकेला मैं, अकेला हू

मंज़िल के रास्ते में इक सहारा मिला था
आशा और उम्मीद का एक सपना देखा था

ओ मंज़िल के रास्ते में इक सहारा मिला था
आशा और उम्मीद का एक सपना देखा था
टूट गया सपना, चला गया अपना
टूट गया सपना, चला गया अपना
फिर भी जिंदा हू मैं
ज़िंदगी नही, ज़िंदगी नही

बचपन से अकेला मैं, अकेला हू

पत्थर की दुनिया से मुझे क्या मिला हैं
मेरे नसीब में अब ना जाने क्या लिखा हैं

ओ पत्थर की दुनिया से मुझे क्या मिला हैं
मेरे नसीब में अब ना जाने क्या लिखा हैं
टूट गया सपना, चला गया अपना
टूट गया सपना, चला गया अपना
फिर भी जिंदा हू मैं
ज़िंदगी नही, ज़िंदगी नही

बचपन से अकेला मैं, अकेला हू
हम्म हम्म हम्म हो हो ला ला ला
हम्म ला ला ला ला ला ला हो हो ला ला ला
हम्म हो हो ला ला ला हम्म ला ला ला
हो ला ला ला हो हो ला ला ला हैं हैं हैं

Trivia about the song Bachpan Se Akela by Sonu Nigam

Who composed the song “Bachpan Se Akela” by Sonu Nigam?
The song “Bachpan Se Akela” by Sonu Nigam was composed by Bhushan Dua.

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