Badlon Ki Hai Saazish

Kumaar

ना ना ना ना ना
बादलों की है साजिश
लम्हों की है सिफारिश
आज मिलके मिटा दें फासला
बादलों की है साजिश
लम्हों की है सिफारिश
आज मिलके मिटा दें फासला
ना ना ना ना ना
धड़कनो की है खाहिश दिल में कर ले रिहाइश
आज मिलके मिटा दें फासला
ना ना ना ना ना

आखों से मैं अपनी तेरा चेहरा
बाँध लून
तेरे पास ही मैं अब आ के साँस लून
आखों से मैं अपनी तेरा चेहरा
बाँध लून
तेरे पास ही मैं अब आ के साँस लून
मेरे साए से लिपट जा
चाहे बाहों में सिमट जा
अब मुझ में जो भी है वो तेरा

मौसम का नशा है जो हुंपे च्छा रहा है
दिलो च्छेदती है, जो भीगी सी हवा है
मौसम का नशा है जो हुंपे च्छा रहा है
दिलो च्छेदती है, जो भीगी सी हवा है
मेरे जींस जान से गुज़र
कहो वक़्त से तू ठहर जा
और ना रुके प्यार का यह सील-सिला
ना ना ना ना ना
बादलों की है साजिश
लम्हों की है सिफारिश
आज मिलके मिटा दें फासला
ना ना ना ना ना

Trivia about the song Badlon Ki Hai Saazish by Sonu Nigam

Who composed the song “Badlon Ki Hai Saazish” by Sonu Nigam?
The song “Badlon Ki Hai Saazish” by Sonu Nigam was composed by Kumaar.

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