Dhanno Ki Ankhon [Remix]

Gulzar

हो ओ यह हा हा हा हा
हो ओ धन्नो की आँखों में
है रात का सुरमा
और चाँद का चुम्मा
अरे धन्नो की आँखों मे
है रात का सुरमा
और चाँद का चुम्मा

हो जहर भी तेरे बिना रात लगे छाला पड़े आग जैसे
चाँद पे जो हाथ लगे यह

जहर भी तेरे बिना रात लगे
छाला पड़े आग जैसे
चाँद पे जो हाथ लगे

हो ओ धन्नो का गुस्सा है ह एक तीर का झुम्मा
और चाँद का चुम्मा
धन्नो की आँखों में है रात का सुरमा
और चाँद का चुम्मा

हो धन्नो तुझे ख्वाब में देखा है
लैला की हीर की किताब में देखा है
धन्नो तुझे ख्वाब में देखा है हाय
लैला की हीर की किताब में देखा है

हो ओ धन्नो की आँखों में
है नूर का सुरमा
और चाँद का चुम्मा
हे हे हे
हो ओ धन्नो की आँखों में
है रात का सुरमा
और चाँद का चुम्मा
हो जहर भी तेरे बिना रात लगे छाला पड़े आग जैसे
चाँद पे जो हाथ लगे यह हो हो जहर भी तेरे बिना रात लगे छाला पड़े आग जैसे
चाँद पे जो हाथ लगे यह हो हो ओ धन्नो का गुस्सा है ह एक तीर का झुम्मा
और चाँद का चुम्मा धन्नो की आँखों में है रात का सुरमा
और चाँद का चुम्मा

Trivia about the song Dhanno Ki Ankhon [Remix] by Sonu Nigam

Who composed the song “Dhanno Ki Ankhon [Remix]” by Sonu Nigam?
The song “Dhanno Ki Ankhon [Remix]” by Sonu Nigam was composed by Gulzar.

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