Jisne Mere Sapne

Faiz Anwar

ला र ला ला ला ला रा ला ला ला ला ला
हम्म जिसने मेरे सपने महकाए
मुझसे मिल के वो क्यूं शरमाए
जाने उसके दिल में क्या क्या हो
उसको सोचूं तो कुछ हो जाए
न जाने अब क्या करे ये दिल की लगी
मुश्किल में आने लगी है ये ज़िंदगी ये ज़िंदगी
जिसने मेरे सपने महकाए
मुझसे मिल के वो क्यूं शरमाए
जाने उसके दिल में क्या क्या हो
उसको सोचूं तो कुछ हो जाए

ये दिल तो अब है उसका
ये जान अब है उसकी
वो आरज़ू जीने की
मुझे तलब है उसकी
कहे मेरा दिल उसका ख्याल
मुझे रात दिन सताए
जिसने मेरे सपने महकाए
मुझसे मिल के वो क्यूं शरमाए
जाने उसके दिल में क्या क्या हो
उसको सोचूं तो कुछ हो जाए

नज़र नज़र से मिल कर
बना है ये अफ़साना
मैं जिस तरह जलता हूँ
जलेगा क्या परवाना
मेरा हाल-ए-दिल जाने न वो
कोई तो उसे बताए
जिसने मेरे सपने महकाए
मुझसे मिल के वो क्यूं शरमाए
जाने उसके दिल में क्या क्या हो
उसको सोचूं तो कुछ हो जाए
न जाने अब क्या करे ये दिल की लगी
मुश्किल में आने लगी है ये ज़िंदगी ये ज़िंदगी
जिसने मेरे सपने महकाए
मुझसे मिल के वो क्यूं शरमाए
जाने उसके दिल में क्या क्या हो
उसको सोचूं तो कुछ हो जाए

Trivia about the song Jisne Mere Sapne by Sonu Nigam

When was the song “Jisne Mere Sapne” released by Sonu Nigam?
The song Jisne Mere Sapne was released in 2000, on the album “Jaan ”.
Who composed the song “Jisne Mere Sapne” by Sonu Nigam?
The song “Jisne Mere Sapne” by Sonu Nigam was composed by Faiz Anwar.

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