Kis Kadar Khoobsurat

Gazi Khan Barna

किस कदर खूबसूरत हसी रात है
किस कदर खूबसूरत हसी रात है
आज हाथों में मेरे तेरा हाथ है
आज हाथों में मेरे तेरा हाथ है
किस कदर खूबसूरत हसी रात है

जबसे देखा तुझे दिल यह लगता नही
कितना देखु तुझे दिल यह भरता नही
जबसे देखा तुझे दिल यह लगता नही
कितना देखु तुझे दिल यह भरता नही
इश्स ज़मीन का तू ऐसा हसी चाँद है
इश्स ज़मीन का तू ऐसा हसी चाँद है
हर उजाला तेरे सामने मांड है
हर उजाला तेरे सामने मांड है
तू अगर मुस्कुराकर ज़रा देख ले
फिर तो सारा जमाना मेरे साथ है
किस कदर खूबसूरत हसी रात है

तू हताडे जो आँचल उजाले मिले
तेरे हसने से बागो में कलियाँ खिले
तू हताडे जो आँचल उजाले मिले
तेरे हसने से बागो में कलियाँ खिले
दिल का अरमान है तुझपे मार जाो मैं
दिल का अरमान है तुझपे मार जाो मैं
अपनी चाहत से दुनिया को भार जाो मैं
अपनी चाहत से दुनिया को भार जाो मैं
उम्र्र बढ़ जाती है जब भी देखु तुझे
तेरे दीदार की यह करामात है
किस कदर खूबसूरत हसी रात है

Trivia about the song Kis Kadar Khoobsurat by Sonu Nigam

Who composed the song “Kis Kadar Khoobsurat” by Sonu Nigam?
The song “Kis Kadar Khoobsurat” by Sonu Nigam was composed by Gazi Khan Barna.

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