Muskura

PARESH, KAILASH KHER, NARESH

ह्म ह्म
ह्म ह्म्‍म्म्म

आवारा राही गुमशुदा
बनके क्यूँ घूमे लापता
मुस्कुरा मेरे दिल
ले ज़िंदगी का मज़ा
आवारा राही गुमशुदा
बनके क्यूँ घूमे लापता

धरती यह गोल गोल क्यों है जी
दुनिया में तलाम तोल क्यों है जी
धरती यह गोल गोल क्यों है जी
दुनिया में तलाम तोल क्यों है जी
चमचमा खिलखिला जगमगा गुम भूला
शीक ले खुश रहेने की अदा
आवारा राही गुमशुदा
बनके क्यूँ घूमे लापता
मुस्कुरा मेरे दिल
ले ज़िंदगी का मज़ा
आवारा राही गुमशुदा
बनके क्यूँ घूमे लापता

कदमो को ज़मीन पे टिकता चल
जीवन तो धोका है तू ख़ाता चल
कदमो को ज़मीन पे टिकता चल
जीवन तो धोका है तू ख़ाता चल
क्या भला क्या बुरा क्या खोता क्या खरा
इन सब में अटकीगा तो जी नई पाएगा
आवारा रही गुमशुदा
बनके क्यूँ घूमे लापता
मुस्कुरा मेरे दिल
ले ज़िंदगी का मज़ा
आवारा रही गुमशुदा
बनके क्यूँ घूमे लापता
हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म
हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म

Trivia about the song Muskura by Sonu Nigam

Who composed the song “Muskura” by Sonu Nigam?
The song “Muskura” by Sonu Nigam was composed by PARESH, KAILASH KHER, NARESH.

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