Na Jaana Kahin Door

Shanky

कैसे ये बताऊँ मैं, तुझी पे साँस थाम जाए
उलझा हूँ तुझी में यूँ, कहीं भी चैन ना आए
नैनों की गुज़ारिश है, तुझी में डूब जाना है
दिल की भी ये साज़िश है, तुझी में बस समाना है
तू जो कहे तो आसमाँ में रंग भर दूँ
तू जो कहे तो बादलों पे संग तेरे चलूँ
ना जाना कहीं दूर
ना जाना कहीं दूर
ना जाना कहीं दूर

बारिशों की बूँद तू, सुबह की ओस तू
लफ़्ज़ों में बयाँ ना हो, ख़ुदा का नूर तू
मैं तुझ में रहूँ सदा, तू मुझ में रहे सदा
बस है यही दुआ, तू कभी होना ना जुदा
तू जो कहे तो नाम तेरे ख़ुद को करूँ
तू जो कहे तो रूह बन के संग तेरे चलूँ
ना जाना कहीं दूर
ना जाना कहीं दूर
ना जाना कहीं दूर

Trivia about the song Na Jaana Kahin Door by Sonu Nigam

Who composed the song “Na Jaana Kahin Door” by Sonu Nigam?
The song “Na Jaana Kahin Door” by Sonu Nigam was composed by Shanky.

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