Pathar Ke Sanam

LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI

पत्थर के सनम तुझे हमने
मोहब्बत का खुदा जाना
पत्थर के सनम तुझे हमने
मोहब्बत का खुदा जाना
बड़ी भूल हुयी अरे हमने
ये क्या समझा ये क्या जाना
पत्थर के सनम

चेहरा तेरा दिल में लिए
चलते रहे अंगारों पे
तू हो कहीं
तू हो कहीं सजदे किए
हमने तेरे रुखसारों के
हमसा ना हो कोई दीवाना
पत्थर के सनम तुझे हमने
मोहब्बत का खुदा जाना
पत्थर के सनम

सोचा था ये बढ़ जाएंगी
तनहाइयाँ जब रातों की
रस्ता हमें
रस्ता हमें दिखलायेंगी
शम्म-ए-वफा उन हाथों की
ठोकर लगी तब पेहचाना
पत्थर के सनम तुझे हमने
मोहब्बत का खुदा जाना
पत्थर के सनम

ए काश के होती खबर
तूने किसे ठुकराया है
शीशा नहीं
शीशा नहीं सागर नहीं
मंदिर सा इक दिल ढाया है
ता आसमान है वीराना
पत्थर के सनम तुझे हमने
मोहब्बत का खुदा जाना
बड़ी भूल हुयी अरे हमने
ये क्या समझा ये क्या जाना
पत्थर के सनम

Trivia about the song Pathar Ke Sanam by Sonu Nigam

Who composed the song “Pathar Ke Sanam” by Sonu Nigam?
The song “Pathar Ke Sanam” by Sonu Nigam was composed by LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI.

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