Zara Kareeb Aa
हल्का हल्का सुरूर है आँखों में कुछ फितूर है
यारा तेरा साथ चाहिए लम्हा लम्हा जागके
जिले मेरे साथ में एक मुकम्मल रात चाहिए
येजो सुरूर बस है यहीं चाहतो की फसल है
छलक रहा है प्यार से ये दिल भरा भरा
जरा जरा जरा जरा करीब आ जरा जरा
जरा जरा जरा जरा करीब आ
जरा जरा जरा जरा करीब आ जरा जरा
जरा जरा जरा जरा करीब आ
राज है क्यों हमराज बन खामोशियाँ आवाज़ बन
तुझ से मेरा सवाल है
आ आ साँसो के ये चराग में जलती है तू दिमाग में
तुहि मेरा खयाल है
कुछ भटकिसी ख्वाइशे आवारा फरमाइशें
इनको ऐतबार दे दे तू
ये जो है बेताबियाँ
ये जो है बैचेनियाँ
इनको अब करार दे दे तू
येजो सुरूर बस है यहीं चाहतो की फसल है
छलक रहा है प्यार से ये दिल भरा भरा
जरा जरा जरा जरा करीब आ जरा जरा
जरा जरा जरा जरा करीब आ
जरा जरा जरा जरा करीब आ जरा जरा
जरा जरा जरा जरा करीब आ
में सूरज हु धुप का तू साये की झील है
खुद में मुझे उतार ले आ आ
में तेरा ही वजूद हु तुज में मै मौजूद हु
साथ मुझे तू गुजार ले
आजा मेरे बाहो में
धरलू तुज़को सांसो में
जिंदगी में बना लू तुझे
रहने दे आघोश में मत आने दे होश में
बेखुदी में बना लू तुझे
येजो सुरूर बस है यहीं चाहतो की फसल है
छलक रहा है प्यार से ये दिल भरा भरा
जरा जरा जरा जरा करीब आ जरा जरा
जरा जरा जरा जरा करीब आ
जरा जरा जरा जरा करीब आ जरा जरा
जरा जरा जरा जरा करीब आ