Meri Nazren Pocketmaar

MADHURAJ, ROSHAN

मेरी नज़रें रारा
मेरी नज़रें पाककितमार सम्भालो
सम्भालो दिल की पाकेत को
मैं कहूँ जी बीच बज़ार सम्भालो
दिल की पाकेत को
मेरी नज़रें रारा
मेरी नज़रें पाकेतमार सम्भालो
सम्भालो दिल की पाकेत को
मैं कहूँ जी बीच बज़ार सम्भालो
दिल की पाकेत को

शहर की हूँ मैं बांकी छोरी
देख रहे क्या
देख रहे क्या चोरी चोरी
शहर की हूँ मैं बांकी छोरी
देख रहे क्या
देख रहे क्या चोरी चोरी चोरी चोरी
आँखों में रारा आँखों में आँखें डाल सम्भालो
सम्भालो दिल की पाकेत को
मैं कहूँ जी बीच बज़ार सम्भालो
दिल की पाकेत को

खेले उमंगों से देखो जवानी
सुन नखरों से
सुन नखरों से मेरी कहानी
खेले उमंगों से देखो जवानी
सुन नखरों से
सुन नखरों से मेरी कहानी मेरी कहानी
मेरी बातें रारा मेरी बातें लच्छेदार सम्भालो
सम्भालो दिल की पाकेत को
मैं कहूँ जी बीच बाज़ार
सम्भालो दिल की पाकेत को

लूट चुकी मैं लाखों दिलों को
मिला नहीं जो
मिला नहीं जो लूटे मुझको
लूट चुकी मैं लाखों दिलों को
मिला नहीं जो
मिला नहीं जो लूटे मुझको लूटे मुझको
मैं ढूंढ रारा मैं तो ढूंढ ढूंढ गयी हार
सम्भालो सम्भालो दिल की पाकित को
मैं कहूँ जी बीच बज़ार
सम्भालो दिल की पाकेत को

Trivia about the song Meri Nazren Pocketmaar by शमशाद बेगम

Who composed the song “Meri Nazren Pocketmaar” by शमशाद बेगम?
The song “Meri Nazren Pocketmaar” by शमशाद बेगम was composed by MADHURAJ, ROSHAN.

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