Sawan Adhura Hai Bin Bahar
सावन अधुरा हैं
सावन अधुरा हैं बिन बहार
जीवन अधुरा बिना प्यार
नारी के बिन सुन रे जोगी
नारी के बिन सुन रे जोगी
नर का अधुरा संसार
सावन अधुरा हैं बिन बहार
जीवन अधुरा बिना प्यार
आआओओ
आ नारी नर की परछाई रे ना पराई रे
आ प्रीत सिख मन मितवा
ओ जग छोड़ पास तेरे आई रे
हूँ मै दुहाई रे सुन तू प्यार का संदेशवा
झुंदरता की मूरत हूँ
गले से मोहे तू लगा ले रे
सावन अधुरा हैं बिन बहार
जीवन अधुरा बिना प्यार
नारी के बिन सुन रे जोगी
नर का अधुरा संसार
सावन अधुरा हैं बिन बहार
जीवन अधुरा बिना प्यार
ओ संसार प्यार का मेला रे तू अकेला रे
आ बन जा मेरा सांवरियां
ओ तूने प्यार का खेल ना खेला रे
आओं रे बेला रे
आ बीत ना जाए घड़ियाँ
जिसने तूझे बनाया हैं
मैं भी उसी की हूँ माया रे
सावन अधुरा हैं बिन बहार
जीवन अधुरा बिना प्यार
नारी के बिन सुन रे जोगी
नारी के बिन सुन रे जोगी
नर का अधुरा संसार
सावन अधुरा हैं बिन बहार
जीवन अधुरा बिना प्यार