Bas Ek Chupsi Lagi Hai
बस एक चुप सी लगी है
नहीं उदास नहीं
कहीं पे सांस रुकी है
नहीं उदास नहीं
बस एक चुप सी लगी है
कोई अनोखी नहीं
ऐसी ज़िन्दगी लेकिन
खुब न हो
कोई अनोखी नहीं
ऐसी ज़िन्दगी लेकिन
खुब न हो
मिली जो खूब मिली है
नहीं उदास नहीं
बस एक चुप सी लगी है
सहर भी ये रात भी
दोपहर भी मिली लेकिन
सहर भी ये रात भी
दोपहर भी मिली लेकिन
हमीं ने शाम चुनी
हमीं ने
शाम चुनी है
नहीं उदास नहीं
बस एक चुप सी लगी है
वो दास्ताँ जो
हमने कही भी
हमने लिखी
वो दास्ताँ जो
हमने कही भी
हमने लिखी
आज वो खुद से सुनी है
नहीं उदास नहीं
बस एक चुप सी लगी है