Bhoola Bachpan Dukhi Jawani
Majrooh Sultanpuri, KUMAR HEMANT
भोला बचपन दुखी जवानी
लम्बी सूनी राहों में
निकले दर्द लिए मंजिल का
दो खामोश निगाहों में
कौन कहे राही को
कितनी दूर कहाँ तक जाना है
जीवन की सुनसान डगर में
कब तक ठोकर खाना है
भोला बचपन दुखी जवानी
लम्बी सूनी राहों में
निकले दर्द लिए मंजिल का
दो खामोश निगाहों में
कौन कहे राही को
कितनी दूर कहाँ तक जाना है
जीवन की सुनसान डगर में
कब तक ठोकर खाना है
1957 • Police
1957 • Police
2002 • The Unforgettable Hemant Kumar
2002 • The Unforgettable Hemant Kumar
2002 • The Unforgettable Hemant Kumar
2002 • The Unforgettable Hemant Kumar
2002 • The Unforgettable Hemant Kumar
2002 • The Unforgettable Hemant Kumar