Dhool Men Jaise Chhipa Phool

Rajendra Krishan

धूल मे जैसे च्छूपा फूल
और च्छूपी फूल मे बात
माटी के पुतले वैसे ही
परभु है तेरे पास
करे ना जो बंडो से प्यार
मिलेगा क्या उसको करतार
करे ना जो बंडो से प्यार
मिलेगा क्या उसको करतार

जात पात के झूठे बंधन
माने जो इंसान
वो मूरख करता है जाग
के मलिक का अपमान
जात पात के झूठे बंधन
माने जो इंसान
वो मूरख करता है जाग
के मलिक का अपमान
आपस मे जो उँछ नीच की
खड़ी करे दीवार
मिलेगा क्या उसको करतार
करे ना जो बंडो से प्यार
मिलेगा क्या उसको करतार

नील गगन को देख रहा क्यू
ओ परानी नादान
तू चाहे तो मिल सकता है
धरती पर भगवान
नील गगन को देख रहा क्यू
ओ परानी नादान
तू चाहे तो मिल सकता है
धरती पर भगवान
देख किसी के दुखिया दिल मे
दाता का दरबार
मिलेगा फिर तुझको करतार
करे ना जो बंडो से प्यार
मिलेगा क्या उसको करतार
करे ना जो बंडो से प्यार
मिलेगा क्या उसको करतार

Trivia about the song Dhool Men Jaise Chhipa Phool by Hemant Kumar

Who composed the song “Dhool Men Jaise Chhipa Phool” by Hemant Kumar?
The song “Dhool Men Jaise Chhipa Phool” by Hemant Kumar was composed by Rajendra Krishan.

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