Din Raat Badalte Hain

CHITRAGUPTA, RAJINDER KRISHAN

दिन रात बदलते हैं
हालात बदलते हैं
साथ साथ मौसम के
फूल और पात बदलते हैं
हो दिन रात बदलते हैं
हालात बदलते हैं
साथ साथ मौसम के
फूल और पात बदलते हैं
हो दिन रात बदलते हैं

कभी हमेशा धूप रही
न सदा रही कभी छोङ
एक जगह पर कभी रुके न
वक़्त के चलते पाओं
बास्के उजाड़ते उजाड़के बास्ते
देखें कितने गाओं
अरे दिन रात बदलते हैं
हालात बदलते हैं
साथ साथ मौसम के
फूल और पात बदलते हैं
हो दिन रात बदलते हैं

बीत ही जायेगी पतझड़
फिर आएगी हरियाली
आज है जो डाली सूनी
कल होगी फूलों वाली
कौन चाँदनीय को पूछे
जो न हो रतियाँ काली
अरे दिन रात बदलते हैं
हालात बदलते हैं
साथ साथ मौसम के
फूल और पात बदलते हैं
हो दिन रात बदलते हैं

ये जीवन एक बहती नदिया
दुःख सुख इसके रेले
फूल की ाषा करनेवाले
पहले कांटे ले ले
क्या जाने वो ख़ुशी की कीमत
जो न दर्द से खेले
अरे दिन रात बदलते हैं
हालात बदलते हैं
साथ साथ मौसम के
फूल और पात बदलते हैं
हो दिन रात बदलते हैं.

Trivia about the song Din Raat Badalte Hain by Hemant Kumar

Who composed the song “Din Raat Badalte Hain” by Hemant Kumar?
The song “Din Raat Badalte Hain” by Hemant Kumar was composed by CHITRAGUPTA, RAJINDER KRISHAN.

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