Insaan Ne Paise Ke Liye

Ravi, Sahir Ludhianvi

इंसानों ने पैसे के लिए आपस का प्यार मिटा डाला
इंसानों ने पैसे के लिए आपस का प्यार मिटा डाला
हंसते बसे घर फुंक दीये धरती को नरक बना डाला

मिट्टी से निकाला सोने को, सोने से बनाये महल मगर
मिट्टी से निकाला सोने को, सोने से बनाये महल मगर
जज्बातो के नाज़ुक रिश्तों को मिट्टी की तले दफना डाला
इंसानों ने पैसे के लिए आपस का प्यार मिटा डाला

दिन और धर्म को हार दिया नेकी को बड़ी पर वार दिया
दिन और धर्म को हार दिया नेकी को बड़ी पर वार दिया
मंदिर मस्जिद और गिरजो को Bank को की भेट चड्ढा डाला

प्यार अपने जग खुद दौलत है
ये बात ना समाझी इंसां ने
प्यार अपने जग खुद दौलत है
ये बात ना समाझी इंसां ने
कुदरत की बनाई दौलत का सिखो में मोल लगा डाला
इंसानों ने पैसे के लिए आपस का प्यार मिटा डाला

Trivia about the song Insaan Ne Paise Ke Liye by Hemant Kumar

Who composed the song “Insaan Ne Paise Ke Liye” by Hemant Kumar?
The song “Insaan Ne Paise Ke Liye” by Hemant Kumar was composed by Ravi, Sahir Ludhianvi.

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