Suraj Re Jalte Rahna

LAXMIKANT PYARELAL, MANIAN PRADEEP

जगत भर की रोशनी के लिए
करोडो की ज़िन्दगी के लिए
सूरज रे जलते रहना
सूरज रे जलते रहना

जगत कल्याण की खातिर तू जन्मा है
तू जग के वास्ते हर दुःख उठा रे
भले ही अंग तेरा भस्म हो जाए
तू जल जल के यहाँ किरणे लूटा रे
लिखा है ये ही तेरे भाग में
की तेरा जीवन रहे आग में
सूरज रे जलते रहना
सूरज रे जलते रहना

करोडो लोग पृथ्वी के भटकते है
करोडो आंगणो में है अन्धेरा
अरे जब तक न हो घर घर में उजियाला
समझ ले है अधूरा काम है तेरा
जगत उद्धार में अभी देर है
अभी तो दुनिया में अंधेर है
सूरज रे जलते रहना
सूरज रे जलते रहना
जगत भर की रोशनी के लिए
करोडो की ज़िन्दगी के लिए
सूरज रे जलते रहना
सूरज रे जलते रहना

Trivia about the song Suraj Re Jalte Rahna by Hemant Kumar

Who composed the song “Suraj Re Jalte Rahna” by Hemant Kumar?
The song “Suraj Re Jalte Rahna” by Hemant Kumar was composed by LAXMIKANT PYARELAL, MANIAN PRADEEP.

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