Tera Hai Jahan Sara Apna

Azmi Kaifi, Kanu Roy

तेरा है जहा सारा
अपना मगर कोई नही है
तेरा है जहा सारा
अपना मगर कोई नही है
जाना है कही तुझे
प्यासा कही से कही है
तेरा है जहा सारा
अपना मगर कोई नही है

हँसने को हंसा भी दे
रोने को रुला
मंज़िल पे ना पहुँच सका
रास्ता भी खोया
हँसने को हंसा भी दे
रोने को रुला
मंज़िल पे ना पहुँच सका
रास्ता भी खोया
जिसका कुछ सुरा नही
उनकी जमी वो जमी है
तेरा है जहाँ सारा
अपना मगर तू नही है

कांतो पर पड़ा सदा फुलो का साया
मिली नही दावा तो क्या दर्द तो पाया
कांतो पर पड़ा सदा फुलो का साया
मिली नही दावा तो क्या दर्द तो पाया
जिसका होकर हसी
उसका सितम भी हसी है
तेरा है जहाँ सारा
अपना मगर तू नही है

तूने तो कहा नही दिल का फसाना
फिर भी है कुछ बुझा बुझा सारा ज़माना
तूने तो कहा नही दिल का फसाना
फिर भी है कुछ बुझा बुझा सारा ज़माना
जिसका कल गुमा ना था
आज उसी का यकी है
तेरा है जहाँ सारा
अपना मगर तू नही है

दिल को तेरे सुकु कभी आए ना आए
आँखो मे नशे घाम बाहर जाए ना जाए
दिल को तेरे सुकु कभी आए ना आए
आँखो मे नशे घाम बाहर जाए ना जाए
उठा हर जहाँ से तू
तेरा ठिकाना वही है
तेरा है जहाँ सारा
अपना मगर तू नही है
जाना है कहीं तुझे
जाता कहीं से कहीं है
तेरा है जहाँ सारा
अपना मगर तू नही है

Trivia about the song Tera Hai Jahan Sara Apna by Hemant Kumar

Who composed the song “Tera Hai Jahan Sara Apna” by Hemant Kumar?
The song “Tera Hai Jahan Sara Apna” by Hemant Kumar was composed by Azmi Kaifi, Kanu Roy.

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