Zameen Chal Rahi He [Part - 2]

Rajendra Krishan

ज़मीं चल रही है आसमाँ चल रहा है
ज़मीं चल रही है आसमाँ चल रहा है
यह किसके इशारे जहाँ चल रहा है
ज़मीं चल रही है आसमाँ चल रहा है
यह किसके इशारे जहाँ चल रहा है
ज़मीं चल रही है आसमाँ चल रहा है

अजब है यह महफ़िल अजब दासताँ है
अजब है यह महफ़िल अजब दासताँ है
न मंज़िल है कोई न कोई निशाँ है
न मंज़िल है कोई न कोई निशाँ है
तो फिर किस लिये कारवाँ चल रहा है
तो फिर किस लिये कारवाँ चल रहा है
यह किसके इशारे जहाँ चल रहा है
ज़मीं चल रही है आसमाँ चल रहा है
यह किसके इशारे जहाँ चल रहा है
ज़मीं चल रही है आसमाँ चल रहा है

भटक्ते तो देखे हज़ारों सयाने
भटक्ते तो देखे हज़ारों सयाने
मगर राज़ कुदरत क कोई न जाने
मगर राज़ कुदरत क कोई न जाने
यह सब सिलसिला बेनिशाँ चल रहा है
यह सब सिलसिला बेनिशाँ चल रहा है
यह किस्के इशारे जहाँ चल रहा है
ज़मीं चल रही है आसमाँ चल रहा है
यह किसके इशारे जहाँ चल रहा है
ज़मीं चल रही है आसमाँ चल रहा है

Trivia about the song Zameen Chal Rahi He [Part - 2] by Hemant Kumar

Who composed the song “Zameen Chal Rahi He [Part - 2]” by Hemant Kumar?
The song “Zameen Chal Rahi He [Part - 2]” by Hemant Kumar was composed by Rajendra Krishan.

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