Faasla

Madhur Sharma, Vishal Pande, Swapnil Tare, Chirag Soni, Harsh Singh Patiyal

फासला हुआ सबसे जबसे मैं तेरे करीब हुआ
खुशनसीब मानू मैं खुद को तू जो अगर मेरे नसीब हुआ
हां फासला हुआ सबसे जबसे मैं तेरे करीब हुआ हां
खुशनसीब मानू मैं खुद को तू जो अगर मेरे नसीब हुआ (तू जो अगर मेरे नसीब हुआ)

हो मैं राहों पे तेरी चलने लगा हूं तेरे ही रंग में रंगने लगा हूं
खुद को मैं तेरा ही कहने लगा हूं
डोर से तेरी बंधने लगा हूं लगता है शायर बनने लगा हूं
तुझको जब से मैं पढ़ने लगा हूं
ये दीवानगी ये आवारगी ये सब तेरी बदौलत है
ये बेचैनी ये बेताबी इनको को तेरी जरूरत है
ये दीवानगी ये आवारगी ये सब तेरी बदौलत है
ये बेचैनी ये बेताबी इनको तेरी जरूरत है

हां ऐसी तुझसे रिश्तेदारी हो गई
उम्र भर के ये दावेदारी हो गई
हां ऐसी तुझसे रिश्तेदारी हो गई
उम्र भर की ये दावेदारी हो गई
हो मैं राहों पे तेरी चलने लगा हूं
तेरे ही रंग में रंगने लगा हूं खुद को मैं
तेरा ही कहने लगा हूं
डोर से तेरी बंधने लगा हूं लगता है शायर बनने लगा हूं
तुझको जब से मैं पढ़ने लगा हूं
ये दीवानगी ये आवारगी ये सब तेरी बदौलत है
ये बेचैनी ये बेताबी इनको तेरी जरूरत है
ये दीवानगी ये आवारगी ये सब तेरी बदौलत है
ये बेचैन यानी ये बेताब इनको तेरी जरूरत है (आ आ वो ओ आ आ)

Trivia about the song Faasla by Madhur Sharma

Who composed the song “Faasla” by Madhur Sharma?
The song “Faasla” by Madhur Sharma was composed by Madhur Sharma, Vishal Pande, Swapnil Tare, Chirag Soni, Harsh Singh Patiyal.

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