Maahi

Vishal Pandey, Chirag Soni

दिल मेरा सीने से जुदा
हो के यह तेरे सीने में चाहे रहना
ज़िद है यह ऐसी जिसमे
रज़ा मेरी भी है मैं चाहु रोकना

तेनू ऐ माही कहना

तेनू ऐ माही कहना
मेरे इशक़े दी कोई हद ना
छड़ दा मैं सारी आदता
तेनू चाहान दी कदी पर ना
के कर ऐतबार सोहनिये
ना तेरा ऐतबार तोडूंगा
तेनू ऐ माही कहना

वैसी कोई एक ना वजह तुझे है पाने की
अनगिनत सी है यह सारी ख्वाहिशें दीवाने की
क्या तेरा ख़याल है यह जाने बिन भी मेरा दिल
झूमने लगा खुशी में तेरे मिल जाने की
तेरे मिल जाने की

तेनू ऐ माही कहना

तेनू ऐ माही कहना
मेरे इशक़े दी कोई हद ना
छड़ दा मैं सारी आदता
तेनू चाहान दी कदी पर ना
के कर ऐतबार सोहनिये
ना तेरा ऐतबार तोडूंगा
तेनू ऐ माही कहना

चेहरे पे जो है मेरे खुशी यह ताज़ी ताज़ी सी
तुझसे ही तो है खिली और खोई हर नाराज़गी
है तेरे दीदार में क्या जाने ऐसी बात जो
आँखें मेरी देखने तुझे हैं रहती राज़ी सी
हर पल रहती राज़ी सी

तेनू एह माही कहना

तेनू एह माही कहना
मेरे इशक़े दी कोई हद ना
छड़ दा मैं सारी आदता
तेनू चाहान दी कदी पर ना
के कर ऐतबार सोहनिये
ना तेरा ऐतबार तोडूंगा

दिल मेरा सीने से जुदा
हो के यह तेरे सीने में चाहे रहना
ज़िद है यह ऐसी जिसमे
रज़ा मेरी भी है मैं चाहु रोकना
दिल मेरा सीने से जुदा
हो के यह तेरे सीने में चाहे रहना
ज़िद है यह ऐसी जिसमे
रज़ा मेरी भी है मैं चाहु रोकना

Trivia about the song Maahi by Madhur Sharma

Who composed the song “Maahi” by Madhur Sharma?
The song “Maahi” by Madhur Sharma was composed by Vishal Pandey, Chirag Soni.

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