Gaayab

Raman Negi

अपने नामों के बादल हैं लापता
बरसा जो अर्सों, अब जा चुका
बिन तेरे मेरी हस्ती है क्या

गुस्ताख़ी हो माफ़, ओ, हमनवा
बैठे हैं हमसे वो यूँ ख़फ़ा
सूरत तेरी फ़िरदौस-ए-पैग़ाम
बिन तेरे दिल में अब क़त्ल-ए-आम
बेपतंग ख़्वाबों की धुन में
बेवजह खो गए वो राज़दाँ
लफ़्ज़ों की धूल में
गुम हैं अब रस्ते, काला आसमाँ
अपने नामों के बादल हैं लापता
बरसा जो अर्सों, अब जा चुका

आएँ ना पहले से अब ख़्वा
उड़ता हूँ, जैसे कोई हवा
मिल जाए उनके संग एक शाम
खिल उठें मेरे मग़रूर अरमान
बेपतंग ख़्वाबों की धुन में
बेवजह खो गए वो राज़दाँ
गायब हो रहा वक्त के आइनों में
ज़ार-ज़ार दिल इन सवालों में
डूबा बिखरा सा इन जवाबों में
गायब हो रहा
गुस्ताख़ी हो माफ़, ओ, हमनवा
बैठे हैं हमसे वो यूँ ख़फ़ा

गायब हो रहा वक्त के आइनों में

Trivia about the song Gaayab by Raman Negi

When was the song “Gaayab” released by Raman Negi?
The song Gaayab was released in 2022, on the album “Shakhsiyat”.

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