Lullaby For The Anxious Bones

Raman Negi

["Lullaby For The Anxious Bones" के बोल]

[Intro]
इस आवाज़ के सिवा ना मदद कोई रस्तों पे
ढूंढे ये तुझे, गहराए शाम
लूँ करवटें, ग़द्दार इन रातों में
आँखे तरसे नींदों के जाम

[Verse]
लगता है वक़्त हमें दूजों से थोड़ा ज़्यादा
फ़िर भी ना समझूँ जीने का क़ा'एदा
खाऊँ धोके, ग़द्दार इन रातों से
आँखें तड़पे नींदों के जाम

[Chorus]
पाँव तले सर के ये ज़मीं
दिलों में फट रहा आसमाँ
आए ना ख़ुद पर अब यक़ीं
दिलों में फट रहा आसमाँ

[Post-Chorus]
है बस धुआँ-धुआँ
है बस धुआँ-धुआँ
है बस धुआँ-धुआँ
है बस धुआँ-धुआँ

[Chorus]
पाँव तले सर के ये ज़मीं
दिलों में फट रहा आसमाँ
आए ना ख़ुद पर अब यक़ीं
दिलों में फट रहा आसमाँ

[Post-Chorus]
है बस धुआँ-धुआँ
है बस धुआँ-धुआँ
है बस धुआँ-धुआँ
है बस धुआँ-धुआँ

[Outro]
इस आवाज़ के सिवा ना मदद कोई रस्तों पे
ढूंढे ये तुझे, गहराए शाम

Trivia about the song Lullaby For The Anxious Bones by Raman Negi

When was the song “Lullaby For The Anxious Bones” released by Raman Negi?
The song Lullaby For The Anxious Bones was released in 2022, on the album “Shakhsiyat”.

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