Mehroom

Raman Negi

महरूम हुए दिन
यह रातें गवाह हैं
है कम यह खुशी क्या
यह कैसे इंतेहाँ हैं
उर बदर हर शक्ज़ ढूंडे
ज़िंदगी जो लापता है
सुन सके ना बस कोई दीवारे दरमियाँ है
आरज़ू ढूंडे खुशी के ठिकाने
लवज़ों में क़ैद ज़िंदगी के चाँद बहाने
आरज़ू ढूंडे खुशी के ठिकाने
लवज़ों में क़ैद ज़िंदगी के चाँद बहाने
आवाज़ दे मुझे ओह मेरे अज़ीज़
कयामत सी यह शाम जब ढले
थम गया है हर कोई
की नींदें रुसवा है
डूबती है पल पल हसरत
यह कैसे अब मकाम है
घूम है
चुप है
सर ज़मीन के रखवाले
निशाने मंज़िल का मुझको तू अब पता दे
आवाज़ दे मुझे ओह मेरे अज़ीज़
कयामत सी यह शाम जब ढले

इस मौसम की तूफान कब होंगे किनारे
शायद कल नया हो तो फिरसे मुस्कुराले
शायद कल नया हो तो फिरसे मुस्कूरले
शायद कल नया हो
शायद कल नया हो तो फिरसे मुस्कूरले

Trivia about the song Mehroom by Raman Negi

When was the song “Mehroom” released by Raman Negi?
The song Mehroom was released in 2022, on the album “Shakhsiyat”.

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