Ishq Majboor Hai

Sardar Anjum

इश्क़ मजबूर है
भीगे हुए दामन की तरह
इश्क़ मजबूर है
भीगे हुए दामन की तरह
आज रोए ना कहीं
फिर कोई सावन की तरह
इश्क़ मजबूर

अपने चेहरे के
खदॉखल दिखौं किसको
अपने चेहरे के
खदॉखल दिखौं किसको
देखने वेल हैं
टूटे हुए दर्पण की तरह
देखने वेल हैं
टूटे हुए दर्पण की तरह
आज रोए ना कहीं
फिर कोई सावन की तरह
इश्क़ मजबूर

हर कदम पर
यहाँ ज़ंजीर हैं दनाई की
हर कदम पर
यहाँ ज़ंजीर हैं दनाई की
ज़िंदगी कोटो मिली थी
हूमें बचपन की तरह
ज़िंदगी कोटो मिली थी
हूमें बचपन की तरह
आज रोए ना कहीं
फिर कोई सावन की तरह
इश्क़ मजबूर

दिल को वीराना बना कर
जो गया हैं अंजुम
दिल को वीराना बना कर
जो गया हैं अंजुम
एक दिन याद करेंगे हूमें
घुलशन की तरह
एक दिन याद करेंगे हूमें
घुलशन की तरह
आज रोए ना कहीं
फिर कोई सावन की तरह
इश्क़ मजबूर है
भीगे हुए दामन की तरह
इश्क़ मजबूर

Trivia about the song Ishq Majboor Hai by Talat Aziz

When was the song “Ishq Majboor Hai” released by Talat Aziz?
The song Ishq Majboor Hai was released in 1981, on the album “A Touch Of Talat Aziz”.
Who composed the song “Ishq Majboor Hai” by Talat Aziz?
The song “Ishq Majboor Hai” by Talat Aziz was composed by Sardar Anjum.

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