Sambhaal Lena
Manoj Muntashir
जो कभी रोशनी दूर तक ना दिखें
जिंदगी में कभी जिंदगी कम लगे
जो कभी आदमी से डरे आदमी
जो दिलों में कभी
प्यार की हो कमी
भटके ना तेरा इंसा
भटके ना तेरा इंसा
कोई रस्ता निकाल लेना
मालिक संभाल लेना
हमको संभाल लेना
हिम्मत हमें तू देना
मालिक संभाल लेना
मेहनतों पे जिएं
भागे और दौड़े हम
ज़िंदा है जब तलक
जीना ना छोड़े हम
और कभी जो लगे रौनकें खो गई
भेजना पेड़ों पर पत्तियां तू नई
सुनसान डालियों पे
सुनसान डालियों पे
परिंदे उतार देना
मालिक संभाल लेना
हमको संभाल लेना
हिम्मत हमें तू देना
मालिक संभाल लेना
मालिक संभाल लेना
हमको संभाल लेना
हिम्मत हमें तू देना
मालिक संभाल लेना